गुरुवार, 19 मार्च 2009

मै हूँ वो पगली....

"हमने छोड़ दी सारी
दुनिया और दुनियादारी,
किसी एकके लिए,
जिनके लिए छोडी,
वो बड़े दुनियादार निकले,
पलटके हँसी उडाई,
बोले, वो सकते नही,
छोड़, दुनिया उनकी,
एक पगलीके लिए.....
मैही तो हूँ वो पगली,
वो परसों फिर एकबार,
दोहरा गए...बार बार कह गए...."

शमा....

1 टिप्पणी:

  1. हमने छोड़ दी सारी
    दुनिया और दुनियादारी,
    किसी एकके लिए,
    जिनके लिए छोडी,
    वो बड़े दुनियादार निकले....
    plz bataaiye n wah koun khushnashib hai ...

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